joharcg.com मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज देर शाम शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के राजधानी रायपुर के मौलश्री विहार स्थित निवास पहुंचे l मुख्यमंत्री ने मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की माताजी श्रीमती पिस्ता देवी अग्रवाल के निधन पर अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हाल ही में शिक्षा मंत्री के निवास पर जाकर उनके परिवार से मिलकर उनकी माताजी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। इस भावुक अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंत्री के परिवार को सांत्वना दी और इस कठिन समय में उनके साथ होने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षा मंत्री के घर पहुंचकर उन्हें और उनके परिवार को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अत्यंत दुखद है कि शिक्षा मंत्री की माताजी हमारे बीच नहीं रहीं। उनके निधन से हम सभी को गहरा दुख हुआ है। इस दुख की घड़ी में मैं और मेरी सरकार पूरी तरह से आपके साथ हैं।” मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री के प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि माताजी की आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति मिले।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री के परिवार के साथ कुछ समय बिताया और उनके शोक में साझेदार बने। उन्होंने बताया कि मंत्री की माताजी का जीवन बहुत प्रेरणादायक था और उन्होंने समाज में अपनी सकारात्मक छाप छोड़ी थी। उन्होंने मंत्री को संजीवनी दी और कहा कि इस कठिन समय में एकजुट रहकर ही शोक को सहन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान अपने संवेदनशीलता और मानवीयता का परिचय देते हुए मंत्री के परिवार को सांत्वना दी और कहा कि वे उनकी सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मंत्री की माताजी के योगदान और उनके जीवन की सराहना की जानी चाहिए, और उनकी यादों को संजोकर रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री की इस भावुक मुलाकात ने न केवल शिक्षा मंत्री को बल्कि उनके परिवार को भी गहरी सांत्वना प्रदान की। यह शोक सभा इस बात का प्रमाण थी कि मुख्यमंत्री श्री साय व्यक्तिगत रूप से भी अपने सहयोगियों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील हैं।
मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता ने सभी को यह संदेश दिया कि कठिन समय में एकजुट रहकर ही शोक को सहन किया जा सकता है और यह भी दर्शाया कि राज्य के नेता व्यक्तिगत दुःख और संकट के समय में भी अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहते हैं।