Joharcg.com सुपोषण अभियान से अब बच्चों के चेहरे की रौनक और मुस्कान लौटने लगी है, हंसते खिलखिलाते इन्हीं नन्हें बच्चों में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्र संजयपारा 3 की बालिका दानिका यादव भी शामिल हो गई है। कुपोषण को हरा कर अब उसने सुपोषण की ओर अपना कदम बढा लिया है। भैरमगढ़ के निवासी राम नारायण यादव एवं श्रीमती सुंदरी यादव की बेटी दानिका यादव जिसे घर में सभी प्यार से दानी के नाम से बुलाते हैं, जन्म के समय से ही गंभीर कुपोषण की श्रेणी में थी।दानी का जन्म 05 जुलाई 2020 को समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैरमगढ़ में हुआ था। जन्म के समय उसका वजन 1.700 किलोग्राम था। जन्म के समय मां का दूध कम आने के कारण उसको सही मात्रा में मां का दूध नहीं मिल पाता था। दानी के कम वजन को देखते हुए आंगनबाडी कार्यकर्ता शिप्रा नंदनी एवं सेक्टर पर्यवेक्षक ने उसे चिन्हांकित कर अपनी निगरानी में ले लिया गया। उन्होंने घर वालों को कुपोषण के बारे में समझाते हुए बताया कि बच्चे कमजोर और बीमार न हों और महिलाओं में खून की कमी यानी एनीमिया न हो इसके लिए सरकार ने कुपोषण मुक्ति का संकल्प लिया है। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुपोषण योजना चला रही हैं। गंभीर रूप से कुपोषित दानिका यादव को योजना मंे शामिल किया गया है।
सेक्टर पर्यवेक्षक ने बताया कि दानिका को सुपोषित श्रेणी में लाना एक गंभीर चुनौती थी, क्योंकि शुरूआत में दानिका की मां आंगनबाड़ी केन्द्र में नहीं आती थी। नियमित रूप से कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक के द्वारा नियमित गृहभेंट कर पिता रामनारायण यादव एवं दानी की दादी मां को समझाया गया। दानी की मां को सही स्तनपान कराने संबधी जानकारी दी गई। साथ ही बच्चे को 15 दिवस के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती किया गया। दानी की मां को हर दिन आंगनबाड़ी से मूंगपल्ली चिक्की और गर्म भोजन दिया गया। साथ ही रेडी टू ईट को विभिन्न व्यंजन बनाकर खाने की सलाह दी गई। जनवरी माह में दानिका यादव का अन्नप्राशन आंगनबाडी केन्द्र में कराया गया। धीरे-धीरे कार्यकर्ता परिवार को सुपोषण का महत्व समझाने में सफल हुई। इसका परिणाम हुआ कि 9 माह में ही दानिका यादव सामान्य श्रेणी में आ गई। अप्रैल 2021 में दानी का वजन 7 किलो हो गया और सितंम्बर में एक किलो और बढ़ गया। इससे दानी का पूरा परिवार और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खुश हैं। दानी की त्वचा में चमक भी बढ़ गई है। दानी के मां का कहना है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना उनके बच्चे के लिए वरदान साबित हुई है।