Kailash Cave

कैलाश गुफा (Kailash cave) अम्बिकापुर नगर से पूर्व दिशा में 60 किमी. पर स्थित सामरबार नामक स्थान है, जहां पर प्राकृतिक वन सुषमा के बीच कैलाश गुफा स्थित है। इसे परम पूज्य संत रामेश्वर गहिरा गुरू जी नें पहाडी चटटानो को तराशंकर निर्मित करवाया है। महाशिवरात्रि पर विशाल मेंला लगता है। इसके दर्शनीय स्थल गुफा निर्मित शिव पार्वती मंदिर, बाघ माडा, बधद्र्त बीर, यज्ञ मंड्प, जल प्रपात, गुरूकुल संस्कृत विद्यालय, गहिरा गुरू आश्रम है।

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

दरिमा हवाई अड्डा, अंबिकापुर |

ट्रेन द्वारा

अंबिकापुर रेलवे स्टेशन से बस अड्डा और वहा से टैक्सी या दूसरी बस

सड़क के द्वारा

अंबिकापुर बस अड्डा और वहा से टैक्सी या दूसरी बस

कैलाश गुफा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है। यह गुफा अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है और इसे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच एक प्रमुख आकर्षण माना जाता है।

विशेषताएँ

  • प्राकृतिक संरचना: कैलाश गुफा की प्राकृतिक संरचना अद्वितीय और आकर्षक है। गुफा की दीवारों पर उकेरी गई प्राचीन नक्काशी और चित्रण इसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
  • धार्मिक महत्व: कैलाश गुफा को धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है। गुफा में स्थित मूर्तियाँ और चित्र देवी-देवताओं के चित्रण को दर्शाते हैं, जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।
  • ऐतिहासिक महत्व: कैलाश गुफा की वास्तुकला और निर्माण शैली इसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं। गुफा के अंदर की प्राचीन चित्रकला और मूर्तियाँ इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को उजागर करती हैं।

गतिविधियाँ

  • धार्मिक दर्शन: कैलाश गुफा में पूजा और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। भक्तगण यहाँ आकर आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऐतिहासिक पर्यटन: गुफा की प्राचीन नक्काशी और चित्रण ऐतिहासिक अध्ययन के लिए उपयुक्त हैं। इतिहास प्रेमी और शोधकर्ता यहाँ आकर इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जान सकते हैं।
  • फोटोग्राफी: गुफा की अद्वितीय प्राकृतिक संरचना और प्राचीन चित्रण फोटोग्राफरों के लिए आदर्श हैं। यहाँ के दृश्य और मूर्तियाँ कैमरे में कैद करने के लिए आकर्षक हैं।

निष्कर्ष

कैलाश गुफा सरगुजा जिले का एक प्रमुख ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो अपनी प्राचीन वास्तुकला, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह स्थल पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।