रायपुर – किसी भी परिवार के लिए विवाह खुशी का अवसर होता है। परिवार विवाह में कोई भी कमी रखना नहीं चाहता लेकिन गरीब परिवारों के लिए कन्या विवाह का खर्च एक बड़ी चिन्ता होती है। खर्च के कारण ही कई गरीब कन्याओं का विवाह रूका रहता है या कर्ज लेकर विवाह के खर्च किये जाते हैं। जिसकी भरपाई कन्या का परिवार कई सालों तक करता रहता है। लेकिन अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने गरीब परिवारों की परेशानी दूर कर दी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गरीब परिवार के बेटियों की चिन्ता करते हुए योजना के तहत राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी है। जिससे कई गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह धूम-धाम से संपन्न हो सका है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश में बढ़ी हुई दर से 2 हजार 944 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया है।
उत्तर बस्तर कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम पर्रेकोड़ो निवासी श्रीमती सुमित बाई की बेटी राधिका का विवाह भी भानुप्रतापपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हुआ। श्रीमती सुमित बाई बताती हैं कि मेरी 22 वर्षीय बेटी राधिका के लिए कई रिश्ते आ रहे थे, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मैं शादी नहीं करवा पा रही थीं। इसी दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से जानकारी हुई कि मुख्यमंत्री सामुहिक कन्या विवाह योजना के तहत पंजीयन कराने पर सरकार द्वारा विवाह संपन्न कराये जाते हैं। इसी बीच बेटी के लिए ग्राम हामतवाही निवासी श्रीमती निरमाबाई के पुत्र श्री सुरेन्द्र दुग्गा का रिश्ता आया। श्रीमती निरमा बाई के पति का स्वर्गवास हो चुका था। उन्होंने भी अपनी परेशानी बताई। ऐसी परिस्थिति में दोनो परिवारों में माताओं ने परिवार की सहमति से मुख्यमंत्री कन्या विवाह के लिए पंजीयन कराया और 28 फरवरी 2019 को भानुप्रतापपुर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अन्य 349 जोड़ों के साथ राधिका ओर सुरेन्द्र का विवाह संपन्न हुआ। अब वर-वधु दोनो खुश है तथा सुखद दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। विगत 20 अक्टूबर 2020 को वे माता-पिता भी बन गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है, जिससे उनकी गृहस्थी बस सकी।
उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गरीब परिवारों के बेटियों के विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों एवं फिजूलखर्ची को रोकने तथा सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देने, सामाजिक स्थिति में सुधार लाने, सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहित करने तथा विवाह में दहेज के लेनदेन और बाल विवाह की रोकथाम के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का संचालन किया जा रहा है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना अंतर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं को इस योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाता है। योजना अन्तर्गत प्रत्येक कन्या के विवाह के लिए अधिक्तम 25 हजार रूपए की राशि व्यय किये जाने का प्रावधान है। इसमें से वर-वधु के श्रृंगार सामग्री पर 5 हजार रूपये तथा अन्य उपहार सामग्री पर 14 हजार रूपये खर्च किये जाते हैं। वधु को एक हजार रूपये नकद राशि दी जाती है। सामूहिक विवाह के आयोजन पर प्रति कन्या 5 हजार रूपए तक व्यय किया जाता है।