Minister Guru Rudrakumar joins Guru Ghasidas Jayanti program
Minister Guru Rudrakumar joins Guru Ghasidas Jayanti program
मंत्री रूद्रकुमार ने पेयजल विस्तार संबंधी अनेक घोषणाएं की

रायपुर – लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार आज कवर्धा के समीप ग्राम मरगदा में आयोजित गुरू घासीदास बाबा की जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने समाज द्वारा निर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं कलश स्थापना कर प्रदेश की सुख-शांति एंव समृद्धि के लिए विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ के अपने प्रेरक संदेश के जरिए लोगों में स्वाभिमान जगाया। उन्होंने कहा कि गुरू बाबा घासीदास ने देश और दुनिया को मानवता का संदेश दिया। उन्होने यह भी कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने तत्कालीन समाज में सहज-सरल छत्तीसगढ़ी भाषा में पंथी गीतों के जरिए अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाया। गुरू बाबा के उपदेशों में समतामूलक समाज निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसे साकार करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि गुरू बाबा अहिंसा पर आस्था रखते थे। कार्यक्रम में समाज द्वारा मंत्री गुरू रूद्रकुमार का लड्डूओं से तौलकर स्वागत किया गया। मंत्री ने इस अवसर पर समाज की मांग पर ग्राम भींमपुरी, जारोताल और ग्राम बरबसपुर में पेयजल विस्तार के लिए पानी टंकी एवं अन्य संसाधान उपलब्ध कराने की घोषणाा की।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के भरपूर अवसर मिले। उनमें काफी प्रतिभा है और अवसर मिलने पर वे अपनी प्रतिभा को और भी अधिक निखार सकते हैं। ज्ञान और शिक्षा ऐसा धन है जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता, बल्कि इस धन को जितना बांटा जाए। उन्होने युवा पीढ़ी को आव्हान किया कि वे खूब मन लगाकर पढ़ें और अपने घर-परिवार, समाज, राज्य तथा देश की उन्नति में सहभागी बनें। उन्होने इस अवसर राज्य सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए सरकार के दो वर्षों के उपलब्धियों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर श्री शिव प्रसाद डिडोरे, श्री दिलीप घृतलहरें, श्री अंजोर दास डहरिया, श्री भगावती डहरिया, श्री अगमदास अंनत, श्री दुलारी राम अंनत, संत श्री जगन्नाथ, श्री बाबूदास गोप, श्री महेश दास, जोहन खाण्डे, श्री भारत बंसे, श्री भारत बर्मन श्री लाल जी चन्द्रवंशी, श्री नीलकंठ चन्द्रवंशी श्री कलिम खान विशेष रूप से उपस्थित थे।