रायपुर – छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना के समन्वय से गांव में ग्रामीणों एवं महिलाओं को रोजगार के साथ ही उनकी आय में इजाफा होने लगा है। गौठानों से जुड़ी महिला समूह अब बड़े पैमाने पर वर्मी खाद का उत्पादन और विक्रय कर इससे आमदनी अर्जित करने लगी है। गोधन न्याय योजना के कारण अब गौठानों में गोबर की आवक बढ़ गई है। जिससे महिला समूहों द्वारा वर्मी खाद बनाने के काम में भी तेजी आई है। इसका लाभ गोपालकों, किसानों और ग्रामीणों के साथ-साथ महिला समूूहों को भी मिलने लगा है।
राज्य के सभी जिलों के गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन एवं विक्रय होने लगा है। महिला समूहों से वर्मी कम्पोस्ट की खरीदी स्थानीय स्तर पर शासन के विभिन्न विभागों सहित किसान करने लगे हैं। सरगुजा संभाग के कोरिया जिले के 102 गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है। समूहों द्वारा उत्पादित 492 क्विंटल वर्मी खाद में से 344 क्विंटल वर्मी खाद के विक्रय के एवज में समूहों को 3 लाख रूपए से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। कोरिया जिले में समूहों के पास वर्तमान में 148 क्विंटल वर्मी खाद विक्रय के लिए उपलब्ध है। गोधन न्याय योजना के कारण गौठानों में रोजाना बड़ी मात्रा में गोबर की आवक को देखते हुए महिला समूहों ने वर्मी खाद बनाने की प्रक्रिया को विस्तार देते हुए इसका वृहद पैमाने पर उत्पादन करने में जुट गए हैं। आगामी एक पखवाड़े के भीतर इन समूहों द्वारा लगभग 1400 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन किए जाने की उम्मीद है।
इसी तरह अंबिकापुर जिले सभी 150 गौठानांे मंे अबतक 582 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बना लिया गया है। जिसमें से 163 क्विंटल वर्मी का पैकेजिंग किया जा चुका है। जनपद पंचायत अम्बिकापुर के ग्राम केशवपुर, जनपद पंचायत बतौली के ग्राम टेड़गा, जनपद पंचायत लुण्ड्रा के ग्राम बटवाही, जनपद पंचायत उदयपुर के ग्राम सरगवां तथा जनपद पंचायत मैनपाट के ग्राम कुनिया के गौठानों में भी वर्मी खाद का उत्पादन महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है। समूहों द्वारा उत्पादित 52.50 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से 42 हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई है।