State Intermediate Cooperative Finance Development Corporation's decision to give loans to self-help groups
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स्व-सहायता समूहों को 5 लाख रूपए से 10 लाख रूपए तक ऋण दिए जाने का प्रावधान
निगम के अध्यक्ष श्री पाटिला ने की योजनाओं की समीक्षा

रायपुर – छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला एवं उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी की उपस्थिति में निगम द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के दौरान स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने एवं व्यावसायिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से निगम द्वारा स्व-सहायता समूहों को ऋण देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्व-सहायता समूह को 5 लाख रूपए से 10  लाख रूपए तक के ऋण दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। यह स्व-सहायता समूह 10 सदस्यों का हो सकता है। यदि समूह के सदस्य अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के होंगे तो उन्हें नियमानुसार प्रति व्यक्ति एक हितग्राही को 10 हजार रूपए अनुदान की पात्रता होगी। समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि स्व-सहायता समूह के सदस्यों के प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार कार्रवाई कर ऋण की स्वीकृति प्रदान की जाए।

समीक्षा बैठक में निगम के माध्यम से संचालित बैंक प्रवर्तित अंत्योदय स्वरोजगार योजना, आदिवासी स्वरोजगार योजना और राष्ट्रीय निगमों की वित्तीय सहायता से अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं सफाई कामगार वर्गों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस अवसर पर राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी भी उपस्थित थीं। बैठक में बैंक प्रवर्तित योजना अंत्योदय स्वरोजगार योजना और आदिवासी स्वरोजगार योजना की समीक्षा करते हुए माह नवम्बर 2020 अंत तक इन योजनाओं में ऋण स्वीकृति एवं वितरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

राष्ट्रीय निगमों की वित्तीय सहायता से संचालित योजनाएं जैसे – ट्रेक्टर ट्राली, पैसेंजर व्हीकल, माल वाहक स्माल बिजनेस, ई-रिक्शा, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना एवं 50 हजार रूपए से 5 लाख रूपए तक के विभिन्न प्रकार के व्यवसाय के लिए जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह तक पूर्ण कराकर लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों के ऋण संबंधी दस्तावेज पूर्ण कराकर निगम मुख्यालय को नवम्बर माह तक अनिवार्य रूप से भिजवाएं। समीक्षा के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि ऋण वितरण के पूर्व सभी हितग्राहियों के स्थल निरीक्षण, व्यवसाय की आर्थिक प्रतियोगिता और व्यवसाय से आमदनी प्राप्त होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए ऋण का वितरण किया जाए, ताकि ऋण वसूली सुनिश्चित हो सके।

समीक्षा बैठक में जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पथ विक्रेता के कोरोना माहमारी में कई व्यवसाय बंद हुए हैं और बहुतों को प्राप्त नहीं होने को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के छोटे-छोटे जो व्यवसायी हैं वे बेरोजगार न हो इसके लिए छोटे-छोटे व्यवसाय जैसे – ठेले, खोमचे, फेरी, रिक्शा, फल-सब्जी, पान ठेला, मोची दुकान, मोटर-सायकल मरम्मत, सायकल मरम्मत वाले इत्यादि अंत्योदय स्वरोजगार योजना एवं आदिवासी स्वरोजगार योजना अंतर्गत त्वरित कार्य के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाए। जिला अधिकारियों को अधिक से अधिक प्रकरण तैयार करने और बैंक ऋण स्वीकृत और वितरण करने के भी निर्देश दिए गए।

निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला ने जिला अधिकारियों से कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं सफाई कामगार वर्गों का निगम की योजना अंतर्गत ऋण के रूप में दी जाने वाली आर्थिक मदद का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करें। योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए शिविर का आयोजन, पाम्पलेट का प्रकाशन कर छोटे-छोटे गांव, जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों और जिस क्षेत्र में इस वर्ग के लोग ज्यादा रहते हैं वहां प्रचार-प्रसार कर वितरण किया जाए।

निगम की उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी द्वारा जिला अधिकारियों को सभी योजनाओं में लक्ष्य अनुसार समय-सीमा में ऋण प्रकरण तैयार करने और ऋण वितरण गुणवत्तापूर्ण करने के भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा जिन जरूरत मंदों को ऋण प्रदान किया जा रहा है उनसे ऋण वसूली भी सुनिश्चित की जाए।