कोरोना से दिवंगत लोगों को भी दी गई श्रद्धांजलि
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन आज सदन में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी, पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री श्री बलिहार सिंह, लोकसभा की पूर्व सांसद स्वर्गीय श्रीमती रजनीगंधा देवी और भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद जवानों तथा नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री अजीत जोगी सहित पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री श्री बलिहार सिंह, लोकसभा की पूर्व सांसद स्वर्गीय श्रीमती रजनीगंधा देवी के व्यक्तित्व, कृतित्व और उनके योगदान का उल्लेख किया। सदन में दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय श्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री जोगी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे जीते जी किवदंती बन गए थे। मरवाही जैसे सुदूर अंचल से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होना उनकी जीजीविषा और सक्रियता का परिचायक है। वे चाहे सत्ता में या विपक्ष में रहे प्रदेश की राजनीति उनके इर्दगिर्द रही। श्री जोगी हमेशा कहते थे कि मैं सपनों का सौदागर हूं। उन्होंने विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। वे हमेशा सर्वहारा वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करते रहे। जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दायित्व सम्हाला तब प्रदेश में सूखा पड़ा था। उन्होंने राजस्व और सूखा राहत विभाग का दायित्व मुझे सौंपा था। उस समय कोष खाली था। 15 लाख मजदूरों को लगातार काम देना और उनके भोजन की व्यवस्था करने की चुनौती थी। उनके नेतृत्व में यह काम सफलता पूर्वक किया गया। अच्छे वित्तीय प्रबंधन के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव रखी जिसके कारण छत्तीसगढ़ के साथ गठित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ।
श्री बघेल ने कहा कि श्री जोगी की अंतिम इच्छा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बनाने की थी। यह कार्य भी 10 फरवरी को पूरा हुआ। इस कार्यक्रम में श्री जोगी भी उपस्थित थे, उन्होंने नये जिले के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी थी। उन्होंने अपनी दृढ इच्छा शक्ति से एक्सीडेंट के बाद भी मेडिकल साइंस को झुठला दिया और जीवन के अंतिम समय तक सक्रिय बने रहे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक पदों पर कार्य किया उनके अनुभवों का लाभ छत्तीसगढ़ को मिला। उनसे जुड़े व्यक्तिगत संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि श्री जोगी ने मुझे हमेशा सक्रिय रहने की सलाह दी थी। उनकी लेखनी, भाषण शैली और बातचीत की शैली विशिष्ट थी। वे बहुत सी भाषाओं के जानकार थे। उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है। श्री बघेल ने दिवंगत पूर्व मंत्री श्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा अपने क्षेत्र के विकास के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मंत्री के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दी। श्री बघेल ने कहा कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पूर्व मंत्री श्री बलिहार सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि वे मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने पूर्व सांसद स्वर्गीय श्रीमती रजनीगंधा देवी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने सांसद और विधायक के रूप में क्षेत्र के लोगों की सेवा की। मुख्यमंत्री ने भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ के शहीद जवान श्री गणेश कंुजाम सहित सभी शहीद जवानों, नक्सल हिंसा में मृत जवानों और कोरोना से मृत लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री जोगी कुशल प्रशासक और राजनीतिज्ञ थे। हिन्दुस्तान की राजनीति में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनायी। श्री जोगी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। श्री कौशिक ने दिवंगत पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसद और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन मंे विधानसभा के सदस्य सर्वश्री धर्मजीत सिंह, केशव चंद्रा, अजय चंद्राकर, अमरजीत भगत, कवासी लखमा, मनोज मंडावी, बृजमोहन अग्रवाल, शैलेश पाण्डेय, डॉ. रमन सिंह, टी.एस. सिंहदेव, मोहम्मद अकबर, नारायण चंदेल, अमरजीत भगत, रविन्द्र चौबे ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। डॉ. श्रीमती रेणु जोगी ने स्वर्गीय श्री जोगी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी।