Hathanikala Mandir
Hathanikala Mandir हथनिकला देवी स्थल पर्यटन, धार्मिक विश्वास एवं श्रद्धा केंद्र के रूप में निरंतर प्रगति पर है। चारों तरफ पेड़ पौधे और सामने तालाब इस देवी स्थल के सौंदर्य पर चार चाँद लगा रहे हैं। मदिर के अंदर स्थापित अष्टभुजी माँ दुर्गा की मूर्ति जीवंत प्रतीत होती है। इस मंदिर का निर्माण ग्राम के मालगुजार स्व॰ रोहन सिंह राजपूत ने जनसहयोग से कराया है। 1972 में निर्मित यह मंदिर सभी धर्म के लोगों के लिए खुला है। धार्मिक उद्देश्य के अलावा पर्यटन के बेजोड़ उदाहरण को देखने के लिए साल भर लोग यहाँ आते रहते हैं। नवरात्रि के समय यहाँ आने वाले भक्तों की संख्या में भरी इजाफा होता है। यह बेजोड़ मंदिर जिला मुख्यालय मुंगेली से 8 किमी की दूरी पर स्थित धरमपुरा से दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित है।
कैसे पहुंचें:
ट्रेन द्वारा
बिलासपुर रेलवे स्टेशन से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पथरिया विकासखंड तक सड़क मार्ग से जुड़ा है।
सड़क के द्वारा
यह जिला मुख्यालय मुंगेली से 12 किमी दूर दक्षिण पूर्व दिशा में पथरिया विकासखंड में स्थित है
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हठनीकला मंदिर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी हठनीकला को समर्पित है, जिन्हें क्षेत्रीय धार्मिक परंपराओं में विशेष महत्व प्राप्त है। हठनीकला मंदिर अपनी धार्मिक महत्ता, सांस्कृतिक धरोहर, और स्थानीय जनजीवन में प्रभाव के लिए जाना जाता है।
धार्मिक महत्व के बारे में बात करते हुए, हठनीकला मंदिर देवी हठनीकला की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। देवी हठनीकला को शक्ति, भक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की पूजा से भक्तों को कठिनाइयों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह मंदिर स्थानीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ पर विभिन्न पूजा अनुष्ठान, अनुष्ठान और त्योहार आयोजित किए जाते हैं। विशेष रूप से नवरात्रि और अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा और भव्य उत्सव होते हैं।
वास्तुकला और संरचना की बात करते हुए, हठनीकला मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक भारतीय मंदिर शैली में निर्मित है। इस मंदिर की संरचना में खूबसूरत नक्काशी और धार्मिक चित्रण देखने को मिलते हैं, जो इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाते हैं। गर्भगृह में देवी हठनीकला की भव्य प्रतिमा स्थापित है, और मंदिर परिसर में पूजा के लिए विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को ध्यान और पूजा के लिए आदर्श अनुभव प्रदान करता है।
धार्मिक गतिविधियों के बारे में बात करते हुए, मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना की जाती है, और भक्त हर रोज यहाँ आकर देवी की पूजा करते हैं। विशेष अवसरों पर यहाँ बड़े पैमाने पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन-संकीर्तन, और यज्ञ आयोजित किए जाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर में भारी भीड़ होती है, और भक्त अपनी मनोक